सब कुछ तय है…
हम अक्सर सोचते हैं कि हमारी ज़िंदगी हमारे फैसलों से बनती है। जो हम सोचते हैं , जो हम करते हैं , उसी का नतीजा हमें मिलता है। लेकिन अगर हम ज़रा गहराई से सोचें , तो एक बात समझ में आती है , “ सब कुछ तय है। “ हर जीव का जीवन पहले से ही एक योजना के अनुसार चलता है। इसे हम प्रारब्ध या कर्मफल कहते हैं। हमारे पिछले जन्मों के कर्म , और इस जन्म में किए गए कर्म , मिलकर हमारी आज की परिस्थिति को तय करते हैं। श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है , “ जो हुआ वह अच्छा हुआ , जो हो रहा है वह भी अच्छा हो रहा है , और जो होगा वह भी अच्छा ही होगा।” यह जीवन के उस सत्य की ओर इशारा करता है जिसे हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं , कि इस ब्रह्मांड में कुछ भी बिना कारण के नहीं होता। जब कोई हमें धोखा देता है , जब हम किसी प्रियजन को खो देते हैं , जब हम किसी कठिन परिस्थिति में फँसते हैं , तो हम अकसर ईश्वर से सवाल करते हैं , “ मेरे साथ ही क्यों ?” लेकिन अगर हम यह समझ जाएँ कि यह परिस्थिति भी हमारे जीवन की एक योजना का हिस्सा है , तो शायद दर्द कम हो जाए। आत्मा अजर , अमर है। यह शरीर बस एक वस्त्र की तरह है जिसे आ...