Imperfections

पता है? हम सब यह चाहते हैं कि ज़िंदगी एकदम Perfect  हो। लेकिन असल खूबसूरती Imperfections में ही होती है। जैसे, चेहरे की झुर्रियां, कितनी हीं कहानियां छुपी होती है इनमें। कोई निशान या तिल, जो पहचान बन जाता है। टेढ़े मेढ़े दातों की हँसी, जिनमें खुशी झलकती है, जिन्हें किसी Filter की जरूरत नहीं पड़ती। काले बालों में आया सफ़ेद बाल, उम्र के अगले पड़ाव की कहानी। बिस्तर की बिखरी हुई सी चादर, प्यार की निशानी, जैसे हर सिलवट में एक खुशबू है, एक एहसास है। माँ के हाथ, जैसे हर लकीर नें दुआ मांगी हो। उनके Imperfect हाथों के छूते हीं सारी दुनिया हीं Perfect  लगती है, सारा दर्द हीं कहीं गायब हो जाता है। सबसे महफ़ूज हाथ होते हैं ये। खाना खाने के बाद वाले खाली बर्तन, एक जूठी प्लेट बहुत बड़ी नेमत होती है। अपने पक्के यार की शादी के बारात में नाचना, खुशी हीं अलग होती है, जिसका कोई कोर्स नहीं होता। ये बाद Imperfect सा Dance होता है, मजे से भरपुर। गाड़ी के ऊपर गली के इस Tommy की छाप का होना। किसी गमले में पौधा लगते वक़्त उंगलियों में मिट्टी का लगना। 
ऐसा है न कि, आप, मैं, हम सब, जैसे हैं न , वैसे हीं खूबसूरत हैं। हमारी कमियों में हीं हमारी काबिलियत छिपी है, बस देखने वाले कि नज़र चाहिए। और एक बात याद दिला दूँ कि, हम सब जैसे भी हैं सही भी हैं, क्योंकि ऊपरवाला Copy Paste नहीं करता। उस नें हम सब को अलग बनाया है, Unique  बनाया है, हम सब में कोई न कोई बात है जो किसी दूसरे में नहीं है।

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